Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana for Dummies
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जब हमें डर लगता है वास्तव में उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है एक आम रूप में डर (भय) लगना स्वाभाविक है जिसे बच्चे, बूढ़े, नवजवान यहां तक अन्य जीव-जंतुओं में भी डर की प्रतिक्रियाए देखने को मिलती है
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आप सकारात्मक दृष्टिकोण से अलग अलग चिंताओं और डर को दूर कर सकते हैं।
अक्सर देखा जाता है की कई बार शरीर से बलिष्ठ लोग भी डरपोक होते हैं. जबकि हकीक़त में दुसरे लोग उसके शरीर को देख देख कर अन्दर से उनसे डर रहे होते हैं.
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बिना नशा किये वो बहुत ज्यादा डरे डरे रहते हैं. उनके अन्दर पूरी तरह से डर बैठ चूका होता हैं. वहीँ जो लोग बिलकुल किसी तरह का नशा नहीं करते उनमें कहीं भी कुछ भी बोलने का साहस हमेशा रहता है.
क्या आप केवल इस वजह से दूसरे राज्य/देश में रहने वाले अपने फैमिली मेम्बर से मिलने नहीं जाते, क्योंकि वहाँ जाने के लिए आपको प्लेन से सफर करना होता है? पता करें कि आपके विचारों और व्यवहार पर भय का कितना प्रभाव पड़ता है।
गरीबी और असफलताओं से डर नहीं खाकर वे भारत के “मिसाइल मैन” और राष्ट्रपति बने।
आप सकारात्मक पक्ष को समझकर अपने डर का फायदा उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए, more info बहुत से लोगों को स्टेज पर जाने से डर लगता है, लेकिन मंच पर होने का डर आपको उस पल के बारे में जागरूक होने में मदद कर सकता है और आप जो करने जा रहे हैं उस पर गहन ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अपने डर को स्वीकार करना सीखें और फिर ये जहां पर सबसे अधिक उपयोगी होने वाला है, उसे उसी दिशा में ले जाएँ।
डर दूर करने और बेहतर जीवन जीने के लिए क्या करें?
विदाई के समय एक लोटे में पानी, हल्दी व सिक्का डालकर लड़की के ऊपर से उतारकर आगे फेंक दें। वैवाहिक जीवन सफल होगा।
अक्सर जब कोई डर के विषय में सोच – विचार करता है, अधिकांशत वे शारीरिक खतरे के विषय में सबसे ज्यादा सोचते हैं जैसे – झगड़े के बीच में चोट लगने का डर, गहरी खाई से नीचे गिर जाने का डर, कभी-कभी डर फोबिया में भी बदल जाता है। फोबिया एक खास तरह का डर है जो हमें किसी निश्चित परिस्थिति, वस्तु या जानवर जैसे – मकड़ी, कॉकरोच, स्टेज पर आकर बोलने से लगता है
इसी भावना को डर कहते हैं. इसीलिए हम ऐसी चीज़ों से, लोगों से और मुसीबतों से बचना चाहते हैं, जिनसे हमें डर महसूस होता है.